Bihar Board 12th History Guess 2025 Exam Shorts Questions Part 4
27. असहयोग आंदोलन के कारणों का प्रकाश डालें। [2015A]
उत्तर – असहयोग आंदोलन के निम्नलिखित कारण थे-
(i) रौलेट एक्ट-गाँधी को असहयोग आंदोलन शुरू करने के कारणों में सबसे महत्त्वपूर्ण कारण रौलेट एक्ट था। इस एक्ट के अंतर्गत सरकार मात्र संदेह के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर मुकदमा चला सकती थी। इसे काला कानून भी कहा गया था।
(ii) जालियाँवाला बाग हत्याकांड-असहयोग आंदोलन शुरू करने में सबसे महत्त्वपूर्ण घटना जालियाँवाला बाग हत्याकांड थी। 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जालियाँवाला बाग में सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था। शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर ने बिना चेतावनी के गोली चलाने का आदेश दिया जिसमें हजारों व्यक्ति मारे गये थे।
(iii) खिलांफत का प्रश्न-प्रथम विश्वयुद्ध में भारतीय मुसलमानों का सहयोग लेने के लिए ब्रिटिश सरकार ने आश्वासन दिया था कि युद्ध समाप्ति के बाद टर्की साम्राज्य को छिन्न-भिन्न नहीं करेगा लेकिन अंग्रेज अपने वायदों से मुकर गयी और टर्की साम्राज्य को विखंडित कर दिया। ज्ञातव्य हो कि टर्की का सुल्तान विश्व के मुसलमानों का खलीफा था।
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28. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी के योगदान किस प्रकार महत्वपूर्ण थे? [2015A,2017A]
उत्तर – गाँधीजी का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। गाँधीजी सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह, संप्रदायिक सद्भाव आदि आधारभूत सिद्धांतों के आधार पर राष्ट्रीय आंदोलन को चलाया। गाँधीजी से पहले काँग्रेस भद्रजनों की संस्था मानी जाती थी। इन्होंने इसे जनाधारित किया। काँग्रेस से आम जनता का लगाव बढ़ने लगा। देश में जैसे जैसे काँग्रेस का आधार बढ़ा वैसे-वैसे दिनों-दिन राष्ट्रीय आंदोलन और विस्तृत हुआ।
गाँधीजी देश के आजादी के साथ-साथ आत्म निर्भरता के लिए खादी के प्रचलन पर बल दिया। देश में सांप्रदायिक सौहार्द की स्थापना के लिए हिन्दू मुस्लिम एकता पर बल दिया। सामाजिक कुरुतियों छुआछूत, अशिक्षा, महिला उत्पीड़न आदि को खत्म करने पर बल दिया।
गाँधीजी के नेतृत्व में ही चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया। इन्हीं के प्रयासों से ही अंततः भारत को 15 अगस्त, 1947 ई० को स्वतंत्रता मिली।
29. रॉलेट एक्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। [2015A,2016A,2019A]
उत्तर – प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता में एक राजद्रोह समिति का गठन किया। इस समिति के सुझाव पर 1919 में रॉलेट ऐक्ट पारित किया गया। इसके अनुसार क्रांतिकारी गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों को मात्र संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था। ऐसे व्यक्तियों पर गुप्त रूप से मुकदमे चलाने एवं इसके विरुद्ध अपील स्वीकृत नहीं करने की व्यवस्था थी। भारतीयों में इस कानून की व्यापक प्रतिक्रिया हुई। इसे काला कानून की संज्ञा दी गयी। भारतीयों ने इस कानून के विरोध में “कोई वकील नहीं, कोई दलील नहीं, कोई अपील नहीं” का नारा दिया। इस कानून के विरोध में जिन्ना, मदनमोहन मालवीय और मजरूल हक ने केन्द्रीय व्यवस्थापिका सभा से त्यागपत्र दे दिया। अनेक स्थानों पर हड़ताल एवं प्रदर्शन हुये। इसी कानून के विरोध में कांग्रेस ने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन शुरू किया।
30. चम्पारण आन्दोलन के क्या कारण थे? [2015A,2018A,2019A,2020A]
उत्तर – भारत में महात्मा गाँधी अपनी सक्रिय राजनीति की शुरुआत चम्पारण सत्याग्रह से की थी। उत्तर बिहार के चम्पारण में नील की खेती होती थी। 19 वीं सदी के प्रारंभ में यूरोपीय बागान मालिकों ने चम्पारण के किसान के साथ एक अनुबंध किया जिसके अनुसार किसानों को अपनी जमीन के 3/20वें हिस्से में नील की खेती करना अनिवार्य था। इसे ‘तिनकठिया पद्धति’ कहा जाता था। किसान इस अनुबंध से मुक्त होना चाहते थे। 1917 में चम्पारण के किसान राजकुमार शुक्ल के अनुरोध पर गाँधीजी चम्पारण पहुँचे। चम्पारण पहुँचकर उन्होंने किसानों की समस्याओं को सुना और सही पाया। गाँधीजी के प्रयासों से सरकार ने चम्पारण के किसानों कि स्थिति की जाँच हेतु एक आयोग नियुक्त किया। अन्त में गाँधीजी की विजय हुई और तिनकठिया पद्धति समाप्त हुई।
31. गाँधी जी के प्रारंभिक आंदोलन कहाँ-कहाँ हुए थे और क्यों? [2021A]
उत्तर – गाँधीजी के प्रारंभिक आंदोलन 1917 ई० किसानों की समस्या को दूर करने के लिए चंपारण आंदोलन हुए। इसका मुख्य कारण अंग्रेज नील मिल मालिकों द्वारा किसानों का शोषण करना था। 1918 ई० में अहमदाबाद के सूती वस्त्र उद्योग के मजदूरों की समस्या को दूर करने के लिए आंदोलन किये। 1918 ई० में ही गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों द्वारा अधिक भू लगान के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। गाँधीजी के प्रारंभिक तीनों आंदोलन स्थानीय थे तथा इसमें इन्हें सफलता मिली थी।
32. मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की माँग क्यों की गई? [2019A,2021A]
उत्तर – मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की माँग अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो नीति का परिणाम था। मुस्लिम लीग ने साम्प्रदायिकता तथा द्विराष्ट्र सिद्धांत को इसका आधार बनाया। मुस्लिम लीग का मानना था कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के साथ मुस्लिमों का हित सुरक्षित नहीं रहेगा। इसके लिए मुस्लिमों के लिए अलग पाकिस्तान की माँग की गई।
33. भारत के विभाजन को प्रेरित करनेवाले दो कारणों को बताइए। [2023A]
उत्तर – भारत के विभाजन को प्रेरित करने वाले दो कारण निम्न थे-
(i) मुस्लिम लीग की भूमिका- मो० अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता के आधार पर पाकिस्तान नामक अलग देश की माँग की जिसके कारण भारत का विभाजन हुआ।
(ii) फूट डालो राज करो की नीति- अंग्रेजी सरकार की फूट डालो राज करो की नीति की अंतिम परिणति भारत के विभाजन के रूप में सामने आई
34. भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को क्यों लागू किया गया [2013A,2016A,2019A,2020A]
उत्तर – भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू करने का मुख्य कारण था कि इसी दिन 1929 ई० में पहली बार देश की स्वतंत्रता की घोषणा काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में किया गया था। संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को नये संविधान को अंतिम रूप दिया गया तथा काफी विचार-विमर्श के उपरांत इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
35. संविधान निर्मात्री सभा का गठन कैसे हुआ? [2020A]
उत्तर – संविधान निर्मात्री सभा का गठन कैबिनेट मिशन की व्यवस्थाओं के आधार पर हुआ। इसके सदस्यों को जुलाई, 1946 में ब्रिटिश प्रांतों की विधान सभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना गया। कुल 296 सीटों में से काँग्रेस को 212, मुस्लिम लीग को 73 तथा अन्य 11 सीटें जीतीं। रियासतों से 93 सदस्यों को लिया जाना था। इसमें व्यापारी, जमींदार, उद्योगपति, जागीरदार, बुद्धिजीवी, किसान आदि थे। यह भारत की एक लघु झाँकी प्रस्तुत करती थी।
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