Bihar Board 12th History Guess 2025 Exam Shorts Questions Part 1
1. इतिहास लेखन में अभिलेखों का क्या महत्व है? [2013A, 2016A, 2018A]
उत्तर – वैदिक काल के पश्चात् खासकर मौर्यकाल से पूर्व मध्यकाल तक इतिहास लेखन में अभिलेखों का महत्वपूर्ण स्थान है। अभिलेख उसे कहा जाता है जो राजा, पाषाण, धातु या मिट्टी के बर्तनों आदि पर खुदे होते हैं। अभिलेखों में तत्कालीन शासक अपने उपलब्धियों, क्रियाकलाप, व्यक्ति एवं राजधर्म आदि के बारे में लिखवाते थे। मौर्यकालीन शासक अशोक भारत के विभिन्न भागों में स्तम्भों तथा शिलाओं पर अभिलेख खुदवाये थे। अशोक के इन्हीं अभिलेखों के द्वारा हम सम्राट अशोक के धम्म, धम्म प्रचार के उपाय, मानवता की सेवा के विचार आदि को भली-भाँति समझ सके हैं। अशोक के अभिलेखों के आधार पर ही डी० आर भण्डारकर ने अशोक का सम्पूर्ण इतिहास लिखने का प्रयास किया है।
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2. हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली का वर्णन करें। [2019A, 2020A]
अथवा, हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली की दो विशेषताएँ बताइए। [2022A]
उत्तर – हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली काफी विकसित थी। नगरों में नियमित जल निकास प्रणाली आधुनिक नगर योजना के समान थी। यहाँ के नगरों में घरों, नालियाँ एवं सड़कों का एक साथ नियोजित रूप से निर्माण कराया गया था। सड़कों की तरह नालियाँ भी एक दूसरे को समकोण पर काटती थी। घरों से पानी गली के नाली में तथा वहाँ से शहर के मुख्य नाली में जाती थी। नालियों में जगह-जगह चहबच्चे बने होते थे जिससे कूड़ा-कचरा मुख्य नाले में नहीं जाता था।
3. पुरातत्व से आप क्या समझते हैं? [2015A, 2019A]
उत्तर – पुरालेख वह विज्ञान है, जिसके माध्यम से पृथ्वी के गर्भ में छिपी हुई सामग्रियों की खुदाई कर अतीत के लोगों के भौतिक जीवन का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी जाति की सभ्यता के इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने में पुरातत्व का एक प्रमुख साधन के रूप में है। पुरातात्विक सामग्री के आधार पर ही सिंधुघाटी सभ्यता की कहानी लिखी हुई है।
4. मौर्यकालीन इतिहास के प्रमुख स्रोतों का संक्षिप्त विवरण दें। [2013A, 2015A, 2016A]
उत्तर – मौर्यकालीन इतिहास जानने के निम्नलिखित प्रमुख स्रोत हैं –
(i) साहित्यिक स्रोत – साहित्यिक स्रोतों में कौटिल्य का अर्थशास्त्र, विशाखदत्त का मुद्राराक्षस, कालिदास के नाटक, बौद्ध साहित्य में दीपवंश, महावंश, मिलिन्दपन्हो, दिव्यावदान, मजुश्रीमूलकल्प एवं जैन साहित्य में भद्रवाहुचरित्र एवं परिशिष्ट पर्वत प्रमुख हैं।
(ii) पुरातात्त्विक स्रोत — पुरातात्त्विक स्रोतों में अशोक के अभिलेख, पाटलिपुत्र के राजदरबार का ध्वंसावशेष, सिक्के और विभिन्न प्रकार के औजार प्रमुख हैं।
(iii) विदेशी यात्रियों के विवरण — फाह्यान और ह्वेनसांग के विवरणों से भी मौर्यकाल के विषय में जानकारियाँ मिलती हैं। तिब्बती लेखक लामा तारानाथ की रचनाओं में भी मौर्यवंश पर प्रकाश पड़ता है।
5. समुद्रगुप्त की नेपोलियन से ततुलना क्यों की जाती है? दो कारण बताइए। [2020A, 2022A]
उत्तर – समुद्रगुप्त की नेपोलियन से तुलना की जाती है। इसके दो कारण निम्न हैं:
(i) विजयी अभियानों के कारण – समुद्रगुप्त नेपोलियन के समान कई विजयी अभियान किये। आर्यावर्त दक्षिणापथ आदि क्षेत्रों पर विजय पाई थी।
(ii) साम्राज्य की सुदृढ़ता के कारण – जिस प्रकार नेपोलियन के समय फ्रांस यूरोप का सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था उसी प्रकार समुद्रगुप्त के समय गुप्तवंश को चुनौती देनेवाला कोई नहीं था।
6. महाजनपद से आप क्या समझते हैं? [2017A, 2020A]
उत्तर – उत्तर- वैदिक काल में जिस क्षेत्रीय राज्यों के उदय की प्रक्रिया आरम्भ हुई वह धीरे-धीरे छठी सदी ई. पू. तक आते-आते बड़े राज्यों में बदल गई। इन्हीं प्रभुता सम्पन्न राज्यों को महाजनपद कहा गया है। बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय के अनुसार 16 महाजनपद थे जो निम्नलिखित हैं – (i) काशी (ii) कोशल (iii) अंग (iv) मगध (v) वज्जि (vi) मल्ल (vii) चेदि (viii) वत्स (ix) कुरू (x) पांचाल (xi) मत्स्य (xii) शूरसेन (xiii) अस्मक (xiv) अवन्ति (xv) गांधार (xvi) कम्बोज ।
7. कलिंग युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा? [2020A,2022A]
उत्तर – कलिंग युद्ध का अशोक पर निम्न प्रभाव पड़ाः
(i) अशोक ने साम्राज्य विस्तार की नीति का परित्याग कर दिया।
(ii) इसने अहिंसा, सत्य, प्रेम, दान, परोपकार आदि का रास्ता अपनाया।
(iii) अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।
(iv) बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार पुरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी किया।
8. चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करें। [2014A, 2017A]
उत्तर – समुद्रगुप्त के बाद उसका पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सिंहासन पर बैठा। उसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की। उसने गुप्त साम्राज्य को सुदृढ़ बनाया और उसमें मालवा, गुजरात और काठियावाड़ शामिल किए। उसने अपनी बेटी प्रभावती गुप्ता का विवाह मध्य ढक्क्न के वाकाटक वंश के शासक रूद्रसेन द्वितीय के साथ किया। इस वैवाहिक संबंध से चन्द्रगुप्त को अपनी समस्त सेना को शकों के विरुद्ध इकट्ठी करने का अवसर मिल गया। उसके शासन काल में कला, साहित्य और विज्ञान का अभूतपूर्व विकास हुआ। कला साहित्य की प्रगति को देखते हुए इतिहासकारों ने उसके काल को स्वर्णकाल कहा है।
9. पाटलिपुत्र नगर की स्थापना किसने और कब की थी? [2022A]
उत्तर – पाटलिपुत्र नगर की स्थापना उदयिन ने पाँचवी सदी ई०पू० में किया था। इसने अपनी राजधानी राजगृह (गिरिव्रज) से पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया था।
10. श्रीमद्भगवद्गीता पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें [2018A,2020A]
उत्तर – महर्षि वेद व्यास ने श्रीमद्भावगद्गीता की रचना की। इसमें कुरूक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को कर्म करने की प्रेरणा दी गई है। इसमें कहा गया है कि धर्म के रास्ते पर चलते हुए मनुष्य को अपना कर्म करना चाहिए। कर्म फल की चिंता न करें क्योंकि ईश्वर आपके कर्मों का फल अवश्य देगा। अर्जुन को क्षत्रियोचित कर्म युद्ध करने की प्रेरणा दी गई जिसके परिणामस्वरूप महाभारत युद्ध हुआ।
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